Bhagavad Gita Chapter 16 Verse 13 भगवद् गीता अध्याय 16 श्लोक 13 इदमद्य मया लब्धमिमं प्राप्स्ये मनोरथम्। इदमस्तीदमपि मे भविष्यति पुनर्धनम्।।16.13।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 16.13) ।।16.13।।इतनी वस्तुएँ तो हमने आज प्राप्त कर लीं और अब इस मनोरथको प्राप्त (पूरा) कर लेंगे।,इतना धन तो हमारे पास है ही? इतना धन फिर हो जायगा। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।16.13।। मैंने आज यह पाया है और इस मनोरथ को भी प्राप्त करूंगा? मेरे पास यह इतना धन है और इससे भी अधिक धन भविष्य में होगा।।