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Bhagavad Gita Chapter 16 Verse 12

भगवद् गीता अध्याय 16 श्लोक 12

आशापाशशतैर्बद्धाः कामक्रोधपरायणाः।
ईहन्ते कामभोगार्थमन्यायेनार्थसञ्चयान्।।16.12।।

हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद

।।16.12।। सैकड़ों आशापाशों से बन्धे हुये? काम और क्रोध के वश में ये लोग विषयभोगों की पूर्ति के लिये अन्यायपूर्वक धन का संग्रह करने के लिये चेष्टा करते हैं।।

Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary