Bhagavad Gita Chapter 16 Verse 11 भगवद् गीता अध्याय 16 श्लोक 11 चिन्तामपरिमेयां च प्रलयान्तामुपाश्रिताः। कामोपभोगपरमा एतावदिति निश्िचताः।।16.11।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।16.11।। मरणपर्यन्त रहने वाली अपरिमित चिन्ताओं से ग्रस्त और विषयोपभोग को ही परम लक्ष्य मानने वाले ये आसुरी लोग इस निश्चित मत के होते हैं कि इतना ही (सत्य? आनन्द) है।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary