Bhagavad Gita Chapter 14 Verse 17 भगवद् गीता अध्याय 14 श्लोक 17 सत्त्वात्सञ्जायते ज्ञानं रजसो लोभ एव च। प्रमादमोहौ तमसो भवतोऽज्ञानमेव च।।14.17।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 14.17) ।।14.17।।सत्त्वगुणसे ज्ञान और रजोगुणसे लोभ आदि ही उत्पन्न होते हैं तमोगुणसे प्रमाद? मोह एवं अज्ञान भी उत्पन्न होता है। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।14.17।। सत्त्वगुण से ज्ञान उत्पन्न होता है। रजोगुण से लोभ तथा तमोगुण से प्रमाद? मोह और अज्ञान उत्पन्न होता है।।