Bhagavad Gita Chapter 13 Verse 6 भगवद् गीता अध्याय 13 श्लोक 6 महाभूतान्यहङ्कारो बुद्धिरव्यक्तमेव च। इन्द्रियाणि दशैकं च पञ्च चेन्द्रियगोचराः।।13.6।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 13.6) ।।13.6।।मूल प्रकृति? समष्टि बुद्धि (महत्तत्त्व)? समष्टि अहंकार? पाँच महाभूत और दस इन्द्रियाँ? एक मन तथा पाँचों इन्द्रियोंके पाँच विषय ( -- यह चौबीस तत्त्वोंवाला क्षेत्र है)। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।13.6।। पंच महाभूत? अहंकार? बुद्धि? अव्यक्त (प्रकृति)? दस इन्द्रियाँ? एक मन? इन्द्रियों के पाँच विषय।।