Bhagavad Gita Chapter 13 Verse 24 भगवद् गीता अध्याय 13 श्लोक 24 य एवं वेत्ति पुरुषं प्रकृतिं च गुणैःसह। सर्वथा वर्तमानोऽपि न स भूयोऽभिजायते।।13.24।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 13.24) ।।13.24।।इस प्रकार पुरुषको और गुणोंके सहित प्रकृतिको जो मनुष्य अलगअलग जानता है? वह सब तरहका बर्ताव करता हुआ भी फिर जन्म नहीं लेता। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।13.24।। इस प्रकार पुरुष और गुणों के सहित प्रकृति को जो मनुष्य जानता है? वह सब प्रकार से रहता हुआ (व्यवहार करता हुआ) भी पुन नहीं जन्मता है।।