Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 41 भगवद् गीता अध्याय 11 श्लोक 41 सखेति मत्वा प्रसभं यदुक्तं हे कृष्ण हे यादव हे सखेति। अजानता महिमानं तवेदं मया प्रमादात्प्रणयेन वापि।।11.41।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।11.41।। हे भगवन् आपको सखा मानकर आपकी इस महिमा को न जानते हुए मेरे द्वारा प्रमाद से अथवा प्रेम से भी हे कृष्ण हे यादव हे सखे इस प्रकार जो कुछ बलात् कहा गया है।। हिंदी टीका - स्वामी चिन्मयानंद जी ।।11.41।। See commentary under 11.42