Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 27 भगवद् गीता अध्याय 11 श्लोक 27 वक्त्राणि ते त्वरमाणा विशन्ति दंष्ट्राकरालानि भयानकानि। केचिद्विलग्ना दशनान्तरेषु संदृश्यन्ते चूर्णितैरुत्तमाङ्गैः।।11.27।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 11.27) ।।11.27।।हमारे मुख्य योद्धाओंके सहित भीष्म? द्रोण और वह कर्ण भी आपमें प्रविष्ट हो रहे हैं। राजाओंके समुदायोंके सहित धृतराष्ट्रके वे ही सबकेसब पुत्र आपके विकराल दाढ़ोंके कारण भयंकर मुखोंमें बड़ी तेजीसे प्रविष्ट हो रहे हैं। उनमेंसे कईएक तो चूर्ण हुए सिरोंसहित आपके दाँतोंके बीचमें फँसे हुए दीख रहे हैं। Shri Vaishnava Sampradaya - Commentary