Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 27 भगवद् गीता अध्याय 10 श्लोक 27 उच्चैःश्रवसमश्वानां विद्धि माममृतोद्भवम्। ऐरावतं गजेन्द्राणां नराणां च नराधिपम्।।10.27।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।10.27।। अश्वों में अमृत से उत्पन्न हुए उच्चैश्रवा नामक अश्व? हाथियों में ऐरावत और मनुष्यों में राजा मुझे ही जानो।। हिंदी टीका - स्वामी चिन्मयानंद जी ।।10.27।। सुर और असुरों के द्वारा क्षीरसागर का मन्थन करके अमृत प्राप्त करने की पौराणिक कथा सुप्रसिद्ध है। इस मन्थन की प्रकिया के समय पंखयुक्त शक्तिशाली और समर्थ ऐसा एक अश्व प्रकट हुआ था? जिसका नाम उच्चैश्रवा था? तथा ऐरावत नाम का एक श्वेत गज भी प्रकट हुआ था। इन दोनों को देवताओं के राजा इन्द्र को उपहार के रूप में भेंट किया गया था। पौराणिक वर्णन के अनुसार इस प्रकार की कुल तेरह आकर्षक वस्तुएं उस मन्थन में प्रकट हुई थीं।