Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 16 भगवद् गीता अध्याय 10 श्लोक 16 वक्तुमर्हस्यशेषेण दिव्या ह्यात्मविभूतयः। याभिर्विभूतिभिर्लोकानिमांस्त्वं व्याप्य तिष्ठसि।।10.16।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 10.16) ।।10.16।।जिन विभूतियोंसे आप इन सम्पूर्ण लोकोंको व्याप्त करके स्थित हैं? उन सभी अपनी दिव्य विभूतियोंका सम्पूर्णतासे वर्णन करनेमें आप ही समर्थ हैं। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।10.16।। आप ही उन अपनी दिव्य विभूतियों को अशेषत कहने के लिए योग्य हैं? जिन विभूतियों के द्वारा इन समस्त लोकों को आप व्याप्त करके स्थित हैं।।