Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 12 भगवद् गीता अध्याय 10 श्लोक 12 अर्जुन उवाच परं ब्रह्म परं धाम पवित्रं परमं भवान्। पुरुषं शाश्वतं दिव्यमादिदेवमजं विभुम्।।10.12।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।10.12।। अर्जुन ने कहा आप परम ब्रह्म? परम धाम और परम पवित्र हंै सनातन दिव्य पुरुष? देवों के भी आदि देव? जन्म रहित और सर्वव्यापी हैं।। हिंदी टीका - स्वामी चिन्मयानंद जी ।।10.12।। See commentary under 10.13.