Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 43 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 43 दोषैरेतैः कुलघ्नानां वर्णसङ्करकारकैः। उत्साद्यन्ते जातिधर्माः कुलधर्माश्च शाश्वताः।।1.43।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 1.43) ।।1.43।।इन वर्णसंकर पैदा करनेवाले दोषोंसे कुलघातियोंके सदासे चलते आये कुलधर्म और जातिधर्म नष्ट हो जाते हैं। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।1.43।।इन वर्णसंकर कारक दोषों से कुलघाती दोषों से सनातन कुलधर्म और जातिधर्म नष्ट हो जाते हैं।