Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 42 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 42 सङ्करो नरकायैव कुलघ्नानां कुलस्य च। पतन्ति पितरो ह्येषां लुप्तपिण्डोदकक्रियाः।।1.42।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 1.42) ।।1.42।।वर्णसंकर कुलघातियोंको और कुलको नरकमें ले जानेवाला ही होता है। श्राद्ध और तर्पण न मिलनेसे इन(कुलघातियों) के पितर भी अपने स्थानसे गिर जाते हैं। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।1.42।।वह वर्णसंकर कुलघातियों को और कुल को नरक में ले जाने का कारण बनता है। पिण्ड और जलदान की क्रिया से वंचित इनके पितर भी नरक में गिर जाते हैं।