Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 39 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 39 कथं न ज्ञेयमस्माभिः पापादस्मान्निवर्तितुम्। कुलक्षयकृतं दोषं प्रपश्यद्भिर्जनार्दन।।1.39।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 1.39) ।।1.38 1.39।।यद्यपि लोभके कारण जिनका विवेकविचार लुप्त हो गया है? ऐसे ये दुर्योधन आदि कुलका नाश करनेसे होनेवाले दोषको और मित्रोंके साथ द्वेष करनेसे होनेवाले पापको नहीं देखते? तो भी हे जनार्दन कुलका नाश करनेसे होनेवाले दोषको ठीकठीक जाननेवाले हमलोग इस पापसे निवृत्त होनेका विचार क्यों न करें Shri Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.