Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 38 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 38 यद्यप्येते न पश्यन्ति लोभोपहतचेतसः। कुलक्षयकृतं दोषं मित्रद्रोहे च पातकम्।।1.38।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।1.38।।यद्यपि लोभ से भ्रष्टचित्त हुये ये लोग कुलनाशकृत दोष और मित्र द्रोह में पाप नहीं देखते हैं। हिंदी टीका - स्वामी चिन्मयानंद जी ।।1.38।। No commentary.