Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 34 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 34 आचार्याः पितरः पुत्रास्तथैव च पितामहाः। मातुलाः श्चशुराः पौत्राः श्यालाः सम्बन्धिनस्तथा।।1.34।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 1.34) ।।1.34 1.35।।(टिप्पणी प0 24.1) आचार्य? पिता? पुत्र और उसी प्रकार पितामह? मामा? ससुर? पौत्र? साले तथा अन्य जितने भी सम्बन्धी हैं? मुझपर प्रहार करनेपर भी मैं इनको मारना नहीं चाहता? और हे मधुसूदन मुझे त्रिलोकीका राज्य मिलता हो? तो भी मैं इनको मारना नहीं चाहता? फिर पृथ्वीके लिये तो मैं इनको मारूँ ही क्या हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।1.34।।वे लोग गुरुजन ताऊ चाचा पुत्र पितामह श्वसुर पोते श्यालक तथा अन्य सम्बन्धी हैं।