Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 32 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 32 न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च। किं नो राज्येन गोविन्द किं भोगैर्जीवितेन वा।।1.32।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 1.32) ।।1.32।।हे कृष्ण मैं न तो विजय चाहता हूँ? न राज्य चाहता हूँ और न सुखोंको ही चाहता हूँ। हे गोविन्द हमलोगोंको राज्यसे क्या लाभ भोगोंसे क्या लाभ अथवा जीनसे भी क्या लाभ Shri Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.