Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 24 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 24 सञ्जय उवाच एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत। सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्।।1.24।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 1.24) ।।1.24 1.25।।सञ्जय बोले हे भरतवंशी राजन् निद्राविजयी अर्जुनके द्वारा इस तरह कहनेपर अन्तर्यामी भगवान् श्रीकृष्णने दोनों सेनाओंके मध्यभागमें पितामह भीष्म और आचार्य द्रोणके सामने तथा सम्पूर्ण राजाओंके सामने श्रेष्ठ रथको खड़ा करके इस तरह कहा कि हे पार्थ इन इकट्ठे हुए कुरुवंशियोंको देख। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।1.24।।संजय ने कहा हे भारत (धृतराष्ट्र) अर्जुन के इस प्रकार कहने पर भगवान् हृषीकेश ने दोनों सेनाओं के मध्य उत्तम रथ को खड़ा करके।