Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 17 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 17 काश्यश्च परमेष्वासः शिखण्डी च महारथः। धृष्टद्युम्नो विराटश्च सात्यकिश्चापराजितः।।1.17।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 1.17) ।।1.17 1.18।।हे राजन् श्रेष्ठ धनुषवाले काशिराज और महारथी शिखण्डी तथा धृष्टद्युम्न एवं राजा विराट और अजेय सात्यकि? राजा द्रुपद और द्रौपदीके पाँचों पुत्र तथा लम्बीलम्बी भुजाओंवाले सुभद्रापुत्र अभिमन्यु इन सभीने सब ओरसे अलगअलग (अपनेअपने) शंख बजाये। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।1.17।।श्रेष्ठ धनुषवाले काशिराज महारथी शिखण्डी धृष्टद्युम्न राजा विराट और अजेय सात्यकि।