Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

आदत आदत आदत है,
       जिसको पड़ी जिसकी आदत है।

आदत आदत आदत है,
       जिसको पड़ी जिसकी आदत है।
   हम पर तो श्री जी ने की है कृपा,
       राधे कहने की आदत है।।

​​राधे राधे राधे कहने की आदत सी हो गयी है।
श्री जी के चरनो मे रहने की आदत सी हो गयी है।।

श्यामा द्वारे आ पडी हुं तेरे नाम के सहारे।।

​राधे राधे राधे कहने की आदत सी हो गयी है ॥

. कोई पागल या दिवाना ओर मस्ताना हि कहे ।
ऐसी बातो को अब सहने कि आदत सी हो गयी है ॥

. अब चाहे डूबा दो या बना दो कोई गम भी तो नही ।
हमको तेरे नाम में बहने कि आदत सी हो गई है ॥

. मेरी फ़रियाद पे न तुमने कोई गौर ही किया ।
बीती बातों को दोहराने की आदत सी हो गई है ॥

​राधे राधे राधे  कहने की आदत सी हो गयी है ।
श्री जी के चरनो मे रहने की आदत सी हो गयी है ॥



radhe radhe radhe kehane ki aadat si ho gayi hai

   aadat aadat aadat hai,
       jisako padi jisaki aadat hai
   ham par to shri ji ne ki hai kripa,
       radhe kahane ki aadat hai


radhe radhe radhe kahane ki aadat si ho gayi hai
shri ji ke charano me rahane ki aadat si ho gayi hai

shyaama dvaare a padi hun tere naam ke sahaare

radhe radhe radhe kahane ki aadat si ho gayi hai ..

koi paagal ya divaana or mastaana hi kahe
aisi baato ko ab sahane ki aadat si ho gayi hai ..

ab chaahe dooba do ya bana do koi gam bhi to nahee
hamako tere naam me bahane ki aadat si ho gi hai ..

meri pahariyaad pe n tumane koi gaur hi kiyaa
beeti baaton ko doharaane ki aadat si ho gi hai ..

radhe radhe radhe  kahane ki aadat si ho gayi hai
shri ji ke charano me rahane ki aadat si ho gayi hai ..

   aadat aadat aadat hai,
       jisako padi jisaki aadat hai
   ham par to shri ji ne ki hai kripa,
       radhe kahane ki aadat hai




radhe radhe radhe kehane ki aadat si ho gayi hai Lyrics

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy PeopleThe Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti



Bhajan Lyrics View All

जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं

New Bhajan Lyrics View All

मेरे सिर पर गठरी भांग की मोहे जाना
भोला बैठा बाट में...
मुँह फेर जिधर देखूं, माँ तू ही नज़र
दीवानों के रेले में ,
सावन के ये मेले मे,
लगालो अपने चरणों से,
श्री रघुवर कौशिला नंदन,
घिरता हूँ जब मुश्किल में,
जब दर्द से दिल भर जाता है,