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मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का ।
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ॥

मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का ।
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ॥

कमल लज्जाये तेरे नैनो को देख के ।
भूली घटाए तेरी कजरे की रेख पे ।
यह मुखड़ा निहार के, सो चाँद गए हार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ॥

कुर्बान जाऊं तेरी बांकी अदाओं पे ।
पास मेरे आजा तोहे भर मैं भर लूँ मैं बाहों में ।
जमाने को विसार के, दिलो जान टोपे वार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ॥

रमण बिहारी नहीं तुलना नहीं तुम्हारी ।
तुझ सा ना पहले कोई ना देखा अगाडी ।
दीवानों ने विचार के, कहा यह पुकार के,



mukut sir mor ka mere chit chor ka krishna bhajan

mukut sir mor ka, mere chit chor kaa
do naina sarakaar ke, kateele hain kataar se ..


kamal lajjaaye tere naino ko dekh ke
bhooli ghataae teri kajare ki rekh pe
yah mukhada nihaar ke, so chaand ge haar ke,
do naina sarakaar ke, kateele hain kataar se ..

kurbaan jaaoon teri baanki adaaon pe
paas mere aaja tohe bhar mainbhar loon mainbaahon me
jamaane ko visaar ke, dilo jaan tope vaar ke,
do naina sarakaar ke, kateele hain kataar se ..

raman bihaari nahi tulana nahi tumhaaree
tujh sa na pahale koi na dekha agaadee
deevaanon ne vichaar ke, kaha yah pukaar ke,
do naina sarakaar ke, kateele hain kataar se ..

mukut sir mor ka, mere chit chor kaa
do naina sarakaar ke, kateele hain kataar se ..




mukut sir mor ka mere chit chor ka krishna bhajan Lyrics

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