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कहा से आए मोरछडी ॥
इसके बिना न हिलते मेरे खाटू वाले श्याम धनि,

कहा से आए मोरछडी ॥
इसके बिना न हिलते मेरे खाटू वाले श्याम धनि,
कहा से आए मोरछडी॥

राधा से जब श्याम का मिल्न हुआ,
मोर पंख को उपहार दिया है,
कैसी लगी यह मोर पंखडी राधा पूछे खड़ी खड़ी,
कहा से आए मोरछडी....................

ओ सुन लो मेरी राधा प्यारी बनू गा मोर मुक्त मैं धारी,
कभी न शीश से ये उतरे गी बोले है राधा से हरी,
कहा से आए मोरछडी................

श्याम को बार बार एक है गाया,
मोर पंख माथे पर लगाया,
खाटू में जब तू प्रगटे गा कलयुग की घडी,
कहा से आए मोरछडी................

पंख से बनी यह मोर छड़ी है श्याम पे इसकी किरपा घनी है,
संकट उसके कट जाते है जिस के सिर पर तेरी पड़ी,



kaha se aae morchadi iske bina na hilate mere khatu vale shyam dhani

kaha se aae morchhadi ..
isake bina n hilate mere khatu vaale shyaam dhani,
kaha se aae morchhadi..


radha se jab shyaam ka miln hua,
mor pankh ko upahaar diya hai,
kaisi lagi yah mor pankhadi radha poochhe khadi khadi,
kaha se aae morchhadi...

o sun lo meri radha pyaari banoo ga mor mukt maindhaari,
kbhi n sheesh se ye utare gi bole hai radha se hari,
kaha se aae morchhadi...

shyaam ko baar baar ek hai gaaya,
mor pankh maathe par lagaaya,
khatu me jab too pragate ga kalayug ki ghadi,
kaha se aae morchhadi...

pankh se bani yah mor chhadi hai shyaam pe isaki kirapa ghani hai,
sankat usake kat jaate hai jis ke sir par teri padi,
kaha se aae morchhadee

kaha se aae morchhadi ..
isake bina n hilate mere khatu vaale shyaam dhani,
kaha se aae morchhadi..




kaha se aae morchadi iske bina na hilate mere khatu vale shyam dhani Lyrics

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