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अरे दिल ग़ाफ़िल गफलत मत कर,
इक दिन जम तेरे आवेगा

अरे दिल ग़ाफ़िल गफलत मत कर,
इक दिन जम तेरे आवेगा

सौदा कारन को या जग आया,
पूँजी लाया,मूल गंवाया,
प्रेम नगर का अंत ना पाया,
ज्यों आया त्यों जावैगा
अरे दिल ग़ाफ़िल गफलत मत कर,
इक दिन जम तेरे आवेगा

सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता,
या जीवन में क्या-क्या बीता,
सर पाहन का बोझा लीता,
आगे कौन छुड़ावैगा,
अरे दिल ग़ाफ़िल गफलत मत कर,
इक दिन जम तेरे आवेगा

परले पार मेरा मीता खड़्या,
उस मिलने का ध्यान ना धरया,
टूटी नांव ऊपर जा बैठा,
ग़ाफ़िल गोता खावेगा,
अरे दिल ग़ाफ़िल गफलत मत कर,
इक दिन जम तेरे आवेगा

दास कबीर कहे समझाई ,
अंत काल तेरो कौन सहाई,
चला अकेला,संग ना काई,
किया आपना पावेगा,
अरे दिल ग़ाफ़िल गफलत मत कर,



arey dil gafil gaflat mat kar Kabir Das bhajan with lyrics by Hari Om Sharan

are dil gaapahil gphalat mat kar,
ik din jam tere aavegaa


sauda kaaran ko ya jag aaya,
poonji laaya,mool ganvaaya,
prem nagar ka ant na paaya,
jyon aaya tyon jaavaigaa
are dil gaapahil gphalat mat kar,
ik din jam tere aavegaa

sun mere saajan sun mere meeta,
ya jeevan me kyaakya beeta,
sar paahan ka bojha leeta,
aage kaun chhudaavaiga,
are dil gaapahil gphalat mat kar,
ik din jam tere aavegaa

parale paar mera meeta khadaya,
us milane ka dhayaan na dharaya,
tooti naanv oopar ja baitha,
gaapahil gota khaavega,
are dil gaapahil gphalat mat kar,
ik din jam tere aavegaa

daas kabeer kahe samjhaai ,
ant kaal tero kaun sahaai,
chala akela,sang na kaai,
kiya aapana paavega,
are dil gaapahil gphalat mat kar,
ik din jam tere aavegaa

are dil gaapahil gphalat mat kar,
ik din jam tere aavegaa




arey dil gafil gaflat mat kar Kabir Das bhajan with lyrics by Hari Om Sharan Lyrics

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